अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली
For Vidhi,
Email:- info@vpandit.com
Contact Number:- 1800-890-1431
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण
गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥
माता तेरे भक्त जनों पे भीर पड़ी है भारी ।
दानव दल पर
टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ॥
सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली ।
दुखिंयों के
दुखडें निवारती,
ओ मैया हम सब
उतारें तेरी आरती ॥
माँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता ।
पूत कपूत सूने
हैं पर ना, माता सुनी कुमाता ॥
सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली ।
दुखियों के
दुखडे निवारती,
ओ मैया हम सब
उतारें तेरी आरती ॥
नहीं मांगते धन और दौलत, ना चाँदी ना सोना ।
हम तो मांगे
माँ तेरे मन में,
एक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली ।
सतियों के सत
को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण
गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥
॥ इति श्री
काली आरती ॥
Write a public review